Story: 5G और 6G की तुलना, अंतर?; 04-09-2024; Follow author: Junaid Khan and Team.
5G और 6G की स्पीड (रफ़्तार) तुलना, अंतर, और कैसे बदलेंगे ये हमारी दुनिया को?
5G और 6G क्या हैं? 5G और 6G दरअसल मोबाइल नेटवर्क की तकनीक है, जिनके उपयोग करके हम कालिंग, मैसेज, फ़ास्ट स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते है।
• 5G या 6G का फुल फॉर्म "फिफ्थ जनरेशन" और "सिस्क्थ जनरेशन" है, यह आधुनिक फाइबर ऑप्टिक्स काबेल्स के द्वारा और अन्य उच्च स्तरीय हार्डवेयर कंपोनेंट्स के द्वारा संचालित की जाने वाली टेक्नोलॉजी है, इस के अंदर आधुनिक सैटेलाइट्स, नेटवर्क मॉडेम्स आदि का उपयोग होता है, जिस कारण संचार क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
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3G और 4G:
आज से कुछ वर्ष पूर्व मैं हम सब ने हाई स्पीड इंटरनेट सर्विसेज देने वाले नेटवर्क्स जैसे 3G और 4G का इस्तेमाल किया था और 4G नेटवर्क्स आज भी हाई स्पीड इंटरनेट और संचार सुविधाएं बेहतर बना रहे है।
आज के आधुनिक दौर मैं, अब बात 6G नेटवर्क के डेवलपमेंट की भी होने लगी है। जहां 5G ने इंटरनेट की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव लाया है, लेकिन 6G उससे भी और आगे जाने वाला है।
आइए जानते हैं कि 5G और 6G में क्या अंतर है, ओर ये कैसे अलग हैं, और इन दोनों 5G और 6G के आने से हमारी जिंदगी में क्या क्या बदलाव आएंगे।
5G:
• 5G पाँचवीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है, जो 4G से कई गुना तेज है। इससे इंटरनेट की स्पीड बहुत बढ़ गई है, जिस से इंटरनेट और संचार सेवाएँ का अनुभव और भी बेहतर हो गया है । भारत मैं अब जल्द ही 5G नेटवर्क सुविधाएँ शुरू होने जा रही है, 5G से हम स्मार्ट सिटी, स्मार्ट होम जैसी कई नए विकासशील बदलाव देख सकते हैं।
• यदि स्पीड की बात की जाए तो 5G, 1 से 10 गीगाबिट्स पर सेकंड (Gbps) तक की इंटरनेट स्पीड प्रदान कर सकता है।
6G:
6G, छठी पीढ़ी का नेटवर्क होगा, जो 5G से भी ज्यादा तेज और उन्नत होगा। 6G की स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक हो सकती है, जो 5G से कई गुना तेज होगी।
यह हमें और भी तेज़ और हाई इंटरनेट स्पीड देगा और कई नई टेक्नोलॉजी को संभव बनाएगा, जैसे वर्चुअल रियलिटी, होलोग्राम, उन्नत आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, घरेलु, पर्सनल रोबोट्स, का होना संभव हो सकेगा।
इसका मतलब ये है कि हम 6G से बहुत तेज और बेहतर तरीके से कनेक्टिविटी की उम्मीद कर सकते हैं।
इससे आपका काम और भी तेज़ी से होगा, और वर्चुअल रियलिटी का अनुभव और भी बेहतर होगा।
वर्तमान समय मैं चीन 6G टेक्नोलॉजी को डेवेलप करने मैं सबसे आगे निकल गया है। चीन ने दुनिया का पहला फील्ड टेस्ट नेटवर्क स्थापित करके 6G तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
फरवरी 2024 में चीन 6G नेटवर्क के लिए उपग्रह लॉन्च करने वाला पहला देश बन गया, चाइना मोबाइल ने फरवरी में दुनिया का पहला 6G उपग्रह लॉन्च किया।
5G और 6G में अंतर:
5G नेटवर्क में लेटेंसी बहुत कम है, लगभग 1 मिलीसेकंड। इसका मतलब है कि जब आप किसी से बात करते हैं या वीडियो कॉल करते हैं, तो कोई भी देरी महसूस नहीं होगी, जबकि 6G नेटवर्क में यह देरी लगभग शून्य हो जाएगी, यानी संचार और भी तेज हो जाएगा।
5G नेटवर्क पर कई सारे डिवाइस एक साथ जुड़ सकते हैं, जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, स्मार्ट होम डिवाइस आदि, यह 6G नेटवर्क के आ जाने से और ज्यादा आधुनिक हो जाने की उम्मीद है, जैसे स्मार्ट कार, पर्सनल रोबोट्स, स्मार्ट होम एप्लायंसेज और स्मार्ट होम ईको सिस्टम, जिसमे घर के स्मार्ट फ्रिज से लेकर लाइट्स और बाकी के घरेलु सामानो को रिमोटली कण्ट्रोल या संचालित किया जा सकेगा।
ऑनलाइन शॉपिंग और भी ज्यादा पर्सनलाइज्ड रूप प्राप्त करेंगी, खरीददार अपने सामान को वर्चुअल रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी के माध्यम से देख सकेगा और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के माध्यम से उसे ट्राई भी कर सकेगा।
• जैसे कपड़ो की शॉपिंग करते वक़्त उपयोगकर्ता ड्रेस को अपने ऊपर प्रोजेक्ट या डिजिटल वर्ल्ड मैं पहन कर देख सकेगा, ऐसी ही कई नयी तकनीकों के विस्तार की सम्भावनाये 6g नेटवर्क से बढ़ जाएंगी ।
आज 5G तकनीक से स्मार्ट शहरों और घरों में, जैसे ट्रैफिक कंट्रोल, बिजली की खपत आदि को AI के द्वारा कण्ट्रोल किया जा रहे है, और आने वाले 10 वर्षों मैं, AI तकनीक 6G स्पीड का उपयोग करके इन सेवाओं को और भी ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे, जैसे घर की लाइट्स, तापमान, और सुरक्षा सिस्टम खुद से एडजस्ट हो सकेंगे।
5G व 6G के साथ आने वाली चुनौतियां:
इंफ्रास्ट्रक्चर: 5G तकनीक महंगी होने के कारण कई देशो मैं बहुत सिमित और महंगे दामों पर उपलब्ध है, इन नेटवर्क्स को शुरू करने मैं हाई टेक उपकरणों की आवशयकता होती है।
6G नेटवर्क तो अभी अपने टेस्टिंग पीरियड या प्रयोगो से ही गुजर रहे है, और इसकी असल क्षमताये अभी गहन जांच का विषय है, कई विकशित देश इसे बनाने और इस की टेस्टिंग में लगे हुए है जैसे अमेरिका, चीन, आदि, जबकि चीन 5G व 6G नेटवर्क्स की टेस्टिंग और इम्प्लीमेंटेशन (लागू करना) के मामले मैं बाकी देशो से कई गुणा आगे निकल चूका है।
लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) उपग्रह 6G डिज़ाइन आर्किटेक्चर को नियोजित करने वाला दुनिया का पहला उपग्रह है।
चाइनाडेली की एक रिपोर्ट के अनुसार उपग्रह से एकीकृत अंतरिक्ष से ज़मीन तक संचार तकनीक के साथ प्रयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सुरक्षा: 5G व 6G की क्षमताओं का गलत उपयोग होने की सम्भावना और भी बढ़ गयी है, खासकर AI के आने के बाद, इसके अंतर्गत, हैकिंग, साइबर सुरक्षा पर हमला, ऑनलाइन स्कैम आदि खतरे शामिल है।
निष्कर्ष:
5G और 6G, ये दोनों ही तकनीकें हमारी जिंदगी को आसान और तेज बनाएंगी। तेज़ कनेक्टिविटी, नई टेक्नोलॉजी के साथ नए गैजेट्स, सॉफ्टवर्स का निर्माण, स्वाभविक रूप से जीवन स्तर को बढ़ाने मैं सहायक होगा, विश्व भर के लोग और भी ज्यादा आसानी से कनेक्ट कर पाएंगे और इनफार्मेशन फ्लो और भी सरल होगा, परन्तु इसके साथ साथ कुछ सावधानिया रखने और अच्छी नीतिया बनाने की भी आवशयकता होगी, इस टेक्नोलॉजी को सदुप्योग मैं लाने हेतु।
भारत मैं भी 4G के बाद अब 5G तकनीक की शुरुआत हो चुकी है एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2024 तक, भारत के 700 डिस्ट्रिक्स मैं 5G नेटवर्क्स की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। भारत मैं सर्वपर्थम 5G नेटवर्क अक्टूबर 2022 मैं शुरू किया गया था।
रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, और अन्य ऑपरेटर्स 5G सर्विस को बढ़ाने पर काम कर रहे है, बीएसएनएल भी इस कार्य मैं अब तेजी से अग्रसर है।
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